Mission Gaganyaan : भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन

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Mission Gaganyaan भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है। इस मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है। मिशन गगनयान को 2023 में लॉन्च करने की योजना है। Mission Gaganyaan भारत के लिए एक बहुत ही महत्वाकांक्षी मिशन है। इस मिशन के सफल होने के बाद भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा जिसने अपने स्वयं के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा है।

Mission Gaganyaan की तैयारी कई सालों से चल रही है। इसरो ने Mission Gaganyaan के लिए एक विशेष अंतरिक्ष यान विकसित किया है। इस अंतरिक्ष यान का नाम गगनयान है। गगनयान अंतरिक्ष यान तीन अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने में सक्षम है।

इसरो ने Mission Gaganyaan के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया है। ये चार अंतरिक्ष यात्री हैं:

    • कर्नल गगनदीप सिंह बेदी
    • लेफ्टिनेंट कर्नल जयंत पटनायक
    • लेफ्टिनेंट कर्नल राकेश शर्मा
    • लेफ्टिनेंट कर्नल सूरजित सिंह पवार
India's four astronauts selected for first crewed space mission

ये चार अंतरिक्ष यात्री पिछले कई सालों से मिशन गगनयान के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। ये अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में रहने और काम करने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं। मिशन गगनयान भारत के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण मिशन है। इस मिशन के सफल होने के बाद भारत अंतरिक्ष में मानव अन्वेषण के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल करेगा।

Mission Gaganyaan के लिए तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। गगनयान अंतरिक्ष यान को लॉन्च करने के लिए जीएसएलवी मार्क III रॉकेट का उपयोग किया जाएगा। इस रॉकेट को इसरो ने मिशन गगनयान के लिए विशेष रूप से विकसित किया है।

गगनयान अंतरिक्ष यान को लॉन्च करने के बाद यह अंतरिक्ष में लगभग सात दिनों तक रहेगा। इस दौरान तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में रहेंगे और विभिन्न प्रकार के प्रयोग करेंगे। सात दिनों के बाद गगनयान अंतरिक्ष यान पृथ्वी पर वापस आ जाएगा।

Mission Gaganyaan भारत के लिए एक बहुत ही महत्वाकांक्षी मिशन है। इस मिशन के सफल होने के बाद भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा जिसने अपने स्वयं के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा है। Mission Gaganyaan भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया अध्याय जोड़ेगा और यह भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास का एक उदाहरण होगा।

Mission Gaganyaan भारत के लिए एक बहुत ही गर्व की बात है। यह मिशन यह दर्शाता है कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक बन गया है। Mission Gaganyaan भारत के युवाओं को यह प्रेरणा देगा कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें।

Mission Gaganyaan- India First human space mission

Mission Gaganyaan- माननीय मंत्री श्री जितेंद्र सिंह (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 21 अक्टूबर को गगनयान के मिशन की पहली उड़ान का परीक्षण करेगा, अगले साल के अंत में मानव अंतरिक्ष उड़ान के दौरान भारतीय अंतरिक्ष यात्री ले जाने वाले क्र मॉड्यूल का परीक्षण करने के लिए श्रीहरिकोटा आंध्र प्रदेश में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से परीक्षण वाहन विकास उड़ान (टीवी-डी।) को अंजाम दिया जाएगा

सिंह ने चंद्रयान-3 और आदित्य एल-। मिशन में शामिल है इसरो के वैज्ञानिकों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में बताया गया है कि परीक्षण में बाह्य अंतरिक्ष में प्रक्षेपित, उसे पृथ्वी पर वापस लाना और बंगाल की खाड़ी में डुबकी के बाद पुन: प्रप्त करना शामिल है। पुन: प्राप्त करने के लिए ‘मॉक ऑपरेशन’ पहले ही शुरू कर दिया गया है, गौर हो कि बताएं पीएम मोदी ने 2018 में 40000 करोड़ रुपये की लागत से गगनयान मिशन की घोषणा की थी।

दो कक्षीय परीक्षण उड़ानों के परिणाम का मूल्यांकन करने के बाद इसरो 2024 में कम से कम दो अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजेगा।

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