P.V Gangadharan- प्रसिद्ध फिल्म निर्माता का निधन

P.V Gangadharan प्रसिद्ध फिल्म निर्माता का निधन

प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और मातृभूमि के पूर्णकालिक निदेशक P.V Gangadharan का शुक्रवार, 13 अक्टूबर, 2023 को केरल के कोझिकोड के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे। उन्हें उम्र से संबंधित बीमारियों के लिए एक सप्ताह से अधिक समय के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

P.V Gangadharan का जन्म 1943 में माधवी स्वामी और पी. वी. स्वामी से हुआ था, जो एक प्रमुख व्यवसायी और केटीसी समूह की कंपनियों के संस्थापक थे। वह मातृभूमि के प्रबंध संपादक पी. वी. चंद्रन के छोटे भाई थे।

P.V Gangadharan ने 1977 में अपनी प्रोडक्शन कंपनी, गृहलक्ष्मी प्रोडक्शंस की स्थापना की। उन्होंने अपनी कंपनी के बैनर तले 22 मलयालम फिल्में निर्मित कीं, जिनमें से कई पुरस्कार विजेता रही हैं। उन्होंने दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, पांच केरल राज्य फिल्म पुरस्कार और छह फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण सहित कई पुरस्कार जीते हैं।

P.V Gangadharan को मलयालम सिनेमा में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई ऐसी फिल्में निर्मित की हैं, जिन्होंने मलयालम सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। वह एक दूरदृष्टि वाले निर्माता थे, जिन्होंने हमेशा नई कहानियां और नए प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया है।

P.V Gangadharan हिंदी सिनेमा में भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने 2005 में हिंदी फिल्म “ब्लैक” का निर्माण किया, जिसे सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए अकादमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था। उन्होंने 2018 में हिंदी फिल्म “बधाई हो” का भी निर्माण किया, जो एक बड़ी व्यावसायिक सफलता थी।

P.V Gangadharan भारतीय सिनेमा के एक प्रमुख निर्माता थे। उन्होंने मलयालम और हिंदी सिनेमा में कई उल्लेखनीय फिल्में निर्मित की हैं। वह एक ऐसे निर्माता थे, जो न केवल मनोरंजक फिल्में बनाते थे, बल्कि ऐसी फिल्में भी बनाते थे, जो दर्शकों को सोचने और महसूस करने पर मजबूर करती हैं। उनका भारतीय सिनेमा पर एक स्थायी प्रभाव रहा है।

P.V Gangadharan के निधन से भारतीय फिल्म उद्योग को एक बड़ी क्षति हुई है। वह एक सम्मानित और प्रशंसित व्यक्ति थे, और सिनेमा में उनके योगदान को आने वाले वर्षों तक याद रखा जाएगा।

P.V Gangadharan: मलयालम सिनेमा के एक महान निर्माता

P.V Gangadharan मलयालम सिनेमा के एक प्रसिद्ध निर्माता और व्यवसायी हैं। उनका जन्म 1943 में केरल के कालीकट में हुआ था। वह मथरुभूमि अखबार के प्रबंध संपादक और एक उद्योगपति पी. वी. चंद्रन के छोटे भाई हैं। पी. वी. गंगधरन मथरुभूमि के निदेशक के रूप में भी कार्य करते हैं। वह पूर्व महाधिवक्ता रत्न सिंह की बेटी पी. वी. शेरिन से विवाहित हैं। उनकी तीन बेटियां हैं: शेनूगा जयतिलक, शेगना विजिल और शेरगा संदीप।

पी. वी. गंगधरन ने 1977 में अपनी प्रोडक्शन कंपनी गृहलक्ष्मी प्रोडक्शंस की स्थापना की। उन्होंने अपनी कंपनी के बैनर तले 22 मलयालम फिल्में निर्मित की हैं, जिनमें से कई पुरस्कार विजेता रही हैं। उन्होंने दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, पांच केरल राज्य फिल्म पुरस्कार और छह फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण सहित कई पुरस्कार जीते हैं।

पी. वी. गंगधरन द्वारा निर्मित कुछ उल्लेखनीय फिल्में हैं:

  • यवनिका (1982)
  • ओरु थदवा काय (1984)
  • नमुकु पार्क (1983)
  • पिरवि (1989)
  • मात्तोलि (1991)
  • देवासुराम (1993)
  • कालापानी (1996)
  • थंचावट्टम (2000)
  • मणिक्यथालावु (2011)
  • नोवा (2019)

पी. वी. गंगधरन को मलयालम सिनेमा में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई ऐसी फिल्में निर्मित की हैं, जिन्होंने मलयालम सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। वह एक दूरदृष्टि वाले निर्माता हैं, जिन्होंने हमेशा नई कहानियां और नए प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया है।

पी. वी. गंगधरन हिंदी सिनेमा में भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने 2005 में हिंदी फिल्म “ब्लैक” का निर्माण किया, जिसे सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए अकादमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था। उन्होंने 2018 में हिंदी फिल्म “बधाई हो” का भी निर्माण किया, जो एक बड़ी व्यावसायिक सफलता थी।

पी. वी. गंगधरन भारतीय सिनेमा के एक प्रमुख निर्माता हैं। उन्होंने मलयालम और हिंदी सिनेमा में कई उल्लेखनीय फिल्में निर्मित की हैं। वह एक ऐसे निर्माता हैं, जो न केवल मनोरंजक फिल्में बनाते हैं, बल्कि ऐसी फिल्में भी बनाते हैं, जो दर्शकों को सोचने और महसूस करने पर मजबूर करती हैं।

पी. वी. गंगधरन को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान से सम्मानित किया गया है, जिनमें शामिल हैं:

  • राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार – सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म (मलयालम) – पिरवि (1989)
  • राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार – सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म (मलयालम) – कालापानी (1996)
  • केरल राज्य फिल्म पुरस्कार – सर्वश्रेष्ठ फिल्म – यवनिका (1982)
  • केरल राज्य फिल्म पुरस्कार – सर्वश्रेष्ठ फिल्म – पिरवि (1989)
  • केरल राज्य फिल्म पुरस्कार – सर्वश्रेष्ठ फिल्म – मात्तोलि (1991)
  • केरल राज्य फिल्म पुरस्कार – सर्वश्रेष्ठ फिल्म – देवासुराम (1993)
  • केरल राज्य फिल्म पुरस्कार – सर्वश्रेष्ठ फिल्म – कालापानी (1996)
  • फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण – सर्वश्रेष्ठ फिल्म – पिरवि (1989)
  • फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण – सर्वश्रेष्ठ फिल्म – मात्तोलि (1991)
  • फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण – सर्वश्रेष्ठ फिल्म – देवासुराम (1993)
  • फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण – सर्वश्रेष्ठ फिल्म – कालापानी (1996)
  • फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण – सर्वश्रेष्ठ फिल्म – थंचावट्टम (2000)
  • फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण – सर्वश्रेष्ठ फिल्म – मणिक्यथालावु (2011)

पी. वी. गंगधरन भारतीय सिनेमा के एक दिग्गज हैं। उन्होंने मलयालम और हिंदी सिनेमा में कई यादगार फिल्में निर्मित की हैं। वह एक ऐसे निर्माता हैं, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को समृद्ध किया है।

पी. वी. गंगधरन का भारतीय सिनेमा पर प्रभाव

P.V Gangadharan का भारतीय सिनेमा पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है। उन्होंने मलयालम और हिंदी सिनेमा में कई ऐसी फिल्में निर्मित की हैं, जिन्होंने इन उद्योगों के पाठ्यक्रम को बदल दिया है। वह एक दूरदृष्टि वाले निर्माता हैं, जिन्होंने हमेशा नई कहानियां और नए प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया है।

P.V Gangadharan द्वारा निर्मित फिल्में अक्सर अपनी सामाजिक और राजनीतिक टिप्पणियों के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने ऐसी फिल्में बनाई हैं, जिन्होंने जाति, वर्ग, लिंग और धर्म जैसे मुद्दों पर सवाल उठाया है। उनकी फिल्में दर्शकों को सोचने और महसूस करने पर मजबूर करती हैं।

P.V Gangadharan ने कई युवा और प्रतिभाशाली निर्देशकों को मौका दिया है। उन्होंने मणिरत्नम, शाजी एन. करुण, अल्फोंस पुथ्रेन और अमिताभ मित्रा जैसे निर्देशकों की पहली फिल्मों का निर्माण किया है। उन्होंने इन निर्देशकों को अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने और अपने स्वयं के सिनेमा का निर्माण करने की स्वतंत्रता दी है।

P.V Gangadharan की फिल्में व्यावसायिक रूप से भी सफल रही हैं। उन्होंने कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं, जिनमें “पिरवि”, “देवासुराम”, “कालापानी” और “बधाई हो” शामिल हैं। उनकी फिल्में दर्शकों के साथ-साथ समीक्षकों को भी पसंद आई हैं।

P.V Gangadharan भारतीय सिनेमा के एक प्रमुख निर्माता हैं। उन्होंने मलयालम और हिंदी सिनेमा में कई उल्लेखनीय फिल्में निर्मित की हैं। वह एक ऐसे निर्माता हैं, जो न केवल मनोरंजक फिल्में बनाते हैं, बल्कि ऐसी फिल्में भी बनाते हैं, जो दर्शकों को सोचने और महसूस करने पर मजबूर करती हैं। उनका भारतीय सिनेमा पर एक स्थायी प्रभाव रहा है।

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