Scrub Typhus से परेशान उत्तर प्रदेश

Scrub Typhus (स्क्रब टायफस) क्या है?

इस समय उत्तर प्रदेश में एक रहस्यमय बुखार चल रहा है तथा यह इतना वायरल है कि उत्तर प्रदेश में कोई भी ऐसा घर नहीं है, जिस घर में एक दो मरीज ना हो कुछ लोग ठीक भी हो रहे हैं। इसके सारे लक्षण डेंगू चिकनगुनिया में मलेरिया जैसे ही है।

लेकिन टेस्ट करने पर नेगेटिव आता है, क्योंकि बीमारी के लक्षण भले ही मिलते-जुलते हैं लेकिन बीमारी अलग है बहुत से डॉक्टर वायरल मानकर ही इसका ट्रीटमेंट या डेंगू का ट्रीटमेंट दे रहे हैं। इस नई बीमारी का नाम स्क्रब टायफस है।

Scrub Typhus (स्क्रब टायफस) कैसे होता है?

जो थ्रांबोसाइटोपेनिक माइट्स या chigger नामक कीड़े की लार में Orientia tsutsugamushi नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। इसे सामान्य भाषा में कुटकी या पिस्सू कहते हैं। इसके काटने के 6 से 20 दिन बाद लक्षण दिखने शुरू होते हैं।

Scrub Typhus (स्क्रब टायफस) के क्या हैं? लक्षण।

ठंड से तेज बुखार आना तथा पेरासिटामोल से भी ना उतरना मांसपेशियों मे असहनीय पीड़ा, प्लेटलेट्स का गिरना, मनो दशा में बदलाव , भ्रम की स्थिति आदि इसके सामान्य लक्षण हैं। समय से उपचार न मिलने पर मल्टी ऑर्गन फेल हो जाते हैं। कन्जेस्टिव हार्ट फेलियर भी होता है।

Scrub Typhus (स्क्रब टायफस) का कैसे लगायें पता?

Scrub antibody-lgm Elisa नमक ब्लड टेस्ट से इस रोग का पता चलता है। डेंगू की तरह इसका भी कोई स्पेसिफिक ट्रीटमेंट नहीं है। समय से पहचान हो जाए तो डॉक्टर डॉक्सोसाइओलिन नमक एंटीबायोटिक देकर स्थिति को नियंत्रित करते हैं।

शरीर की तरलता का स्तर मेंटेन रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी, ऑर्स फलों का रस, नारियल पानी, सूप, दाल आदि खानी चाहिए रेगुलर प्लेटलेट्स की जांच कराते रहना चाहिए, संक्रमित कीड़ों से बचने के लिए फुल ट्राउजर, शर्ट, मोजे व जूते पहनकर ही बाहर निकलें।

स्क्रब टायफस से कैसे करें, बचाव?

शरीर के खुले अंगों पर ऑडोमास का प्रयोग करें तथा घर के आसपास नाली कूड़े के ढेर झाड़ियां घास फूस आदि की भली प्रकार सफाई कराये या कीटनाशक का छिड़काव कराये। यह रोग एक मरीज से दूसरे मरीज को नहीं फैलता केवल चिगर नामक कीड़े के काटने से ही फैलता है।

स्क्रब टायफस क्या है? अत्यधिक जानें।

स्क्रब टायफस एक जीवाणु बीमारी है जो माध्यमिक जीवाणु Orientia tsutsugamushi के कारण होती है। इस बीमारी को चमकी जल ज्वर (चेंगगुनिया वायरस) के कारण होने वाले मच्छरों के काटने से होता है। स्क्रब टायफस के लक्षण बाहरी परिधियों के बीच मांसपेशियों में लोगों को प्रभावित करते हैं, जो मुख्य रूप से इंडो-पैसिफिक प्रदेशों में पाया जाता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान और बहुत तेज छुटकुला प्रभारक होता है।

मान्य और निश्चित नुस्खे विनायक जन्य के अधीन विशेष रूप से इस नकारात्मक बीमारी से बचने के लिए पालन करने चाहिए, जैसे कि स्वच्छता का ध्यान रखना, अतिरिक्त स्वच्छता की जरूरत वाले कामों पर विशेष ध्यान देना, और मच्छरों से संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना। अगर आपको ये बीमारी के लक्षण होते हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।

स्क्रब टायफस एक इंफेक्शन है जो टाइफस रिकेट्सिया नामक रोगाणुओं से होता है। यह समान रूप से एशियाई देशों में पाया जाता है। यह रोग टिक-टिक बीमारी भी कहलाता है।

स्क्रब टायफस के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  • उच्च बुखार
  • थकान और कमजोरी
  • सिरदर्द
  • शरीर में दर्द
  • ज्वर के साथ छाती में दर्द
  • मस्तिष्क के दर्द
  • खांसी
  • सांस लेने में कठिनाई
  • त्वचा पर लाल विकार या चकत्ते

यदि आपको ये लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको तत्काल चिकित्सा सेवा से संपर्क करना चाहिए। एक व्यावसायिक चिकित्सक सही निदान कर सकेंगे और उपचार के लिए सलाह दे सकेंगे।

स्क्रब टायफस एक भारतीय मानक रोग है जो जैविक खेती, बागवानी और वनस्पति कार्यों में कुछ प्रभावित क्षेत्रों में पाया जाता है। यह एक प्रसारणयोग्य रोग है और इसे दंपति किनारा के करीबी भूभागों में होता है, खासकर समुद्र तटों पर।

स्क्रब टायफस के सामान्य लक्षणों में बुखार, थकान, मांसपेशियों का दर्द, खांसी, जुखाम, सिरदर्द और त्वचा पर अंडे के निशान शामिल हो सकते हैं।

इस बीमारी के लिए एक पथोजन ज्ञात है, जिसे रिकेट्सिया ट्यूसी नामक कीटाणु संबंधी होता है। यह कीटाणु चूहों, कुत्तों, घासखानों, कृषि फसलों और वनस्पतियों पर पाया जाता है।

आपको अपनी स्वास्थ्य स्थिति में किसी भी संदेह के मामले में एक अनुभवी चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। चिकित्सक आपकी रोग परीक्षण करके, आपके लक्षणों का मूल्यांकन करेगा और उचित उपचार का सुझाव देगा।

यदि आपके पास स्क्रब टायफस के लक्षण हैं या आप संदेह कर रहे हैं, तो अपने नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें और उचित परामर्श के लिए जाएँ।

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